कश्मीरी फेरन: परंपरा, गर्माहट और फैशन का संगम

कश्मीरी फेरन (Phiran) सिर्फ एक पारंपरिक वस्त्र नहीं, बल्कि कश्मीर की सांस्कृतिक पहचान और सर्दी से बचाव का एक अहम ज़रिया है। इसका उच्चारण “फ-रन” किया जाता है, न कि “फे-रन” जैसा कि अक्सर लोग गलती से बोलते हैं।

फेरन कौन पहनता है?

फेरन महिलाएं, पुरुष और बच्चे—तीनों पहनते हैं। यह परिधान खासतौर पर जम्मू-कश्मीर, भारत में बनाया और बेचा जाता है। यह सर्दियों में कश्मीरी लोगों की पहली पसंद होता है क्योंकि यह बेहद आरामदायक और गर्म होता है।

महिलाओं के फेरन

महिलाओं के फेरन राफल ऊन (pure wool raffal wool), कैश्मिलॉन, ट्वीड, वेलवेट, रेशम (सिल्क) जैसी फैब्रिक्स से बनाए जाते हैं। इन फेरनों पर पारंपरिक कढ़ाई जैसे:

  • आरी कढ़ाई
  • सोजनी (Sozni) कढ़ाई
  • टिल्ला वर्क
  • जर्री वर्क

इनसे सजे होते हैं। कुछ फेरन बिना कढ़ाई के Plain भी होते हैं, जो साधारण पहनने के लिए होते हैं।

पुरुषों के फेरन

पुरुषों के फेरन सिर्फ राफल ऊन और ट्वीड के कपड़े में बनाए जाते हैं। इनकी डिज़ाइन साधारण होती है और रंग भी अधिकतर गहरे और earthy होते हैं जैसे काला, ग्रे, ब्राउन, गोल्डन या बेज।

फेरन का इस्तेमाल कैसे होता है?

कश्मीर में लोग फेरन सुबह उठने के साथ ही पहनते हैं और रात को सोने से पहले उतारते हैं। यह दिनभर पहना जाता है। इसके अंदर कांगड़ी (Kangri) रखी जाती है, जो अंगीठी जैसी मिट्टी की चीज़ होती है। इससे अंदर गर्मी बनी रहती है।

फेरन की लंबाई और बनावट

  • फेरन की लंबाई घुटनों और पैरों के बीच तक होती है।
  • कई फेरनों में अंदर एक दूसरी परत होती है जिसे ‘पोज़च’ (Pozch) कहते हैं। यह गर्मी को और अधिक बनाए रखने में मदद करता है।
  • महिलाओं के फेरनों में सबसे लोकप्रिय रंग काला, सफेद, नीला और हरा होते हैं।
  • पुरुषों के लिए सामान्यतः काला, ग्रे, ब्राउन, गोल्डन और बेज रंग होते हैं।

डिज़ाइनों का समय और ट्रेंड

हर साल सितंबर से नए डिज़ाइन आना शुरू हो जाते हैं और फरवरी तक फेरन का सीज़न रहता है। आजकल दिल्ली और पंजाब के इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर्स की वजह से फेरन की लोकप्रियता पूरे भारत में बढ़ रही है।

फेरन की कीमतें और क्वालिटी

  • फेरन की शुरुआती कीमत ₹1000 से होती है और हज़ारों रुपये तक जाती है।
  • सबसे महंगे फेरन पश्मीना के बने होते हैं।
  • फेरन में आमतौर पर दो साइड पॉकेट होती हैं जो इसे और उपयोगी बनाती हैं।
  • कश्मीरी कुर्ते और फेरन में फर्क होता है—कुर्ते तंग होते हैं और उनमें पॉकेट नहीं होती, जबकि फेरन ढीले और आरामदायक होते हैं।
  • फेरनों की चौड़ाई आमतौर पर 47 इंच से लेकर 62 इंच तक होती है।

सोजनी फेरन के प्रकार

  • नॉर्मल सोजनी कढ़ाई वाले फेरन
  • पेपर माशे डिज़ाइन वाले सोजनी फेरन

इनमें से पेपर माशे डिज़ाइन वाले अधिक बारीक और महंगे होते हैं। मशीन से बनी कढ़ाई वाले फेरन सस्ते होते हैं, जबकि हैंड एम्ब्रॉयडरी वाले फेरन की कीमत कढ़ाई की मात्रा और बारीकी के अनुसार बढ़ती है।

कहाँ से खरीदें सबसे अच्छे फेरन?

सबसे अच्छे और प्रामाणिक कश्मीरी फेरन आप ऑनलाइन Gyawun से खरीद सकते हैं। यहाँ पर हर उम्र, पसंद और बजट के अनुसार कश्मीरी फेरनों की विस्तृत रेंज उपलब्ध है।

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